- गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन को किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (KBL) की शक्ति
- सिंगा का 'फक्कर' फिल्म के लिए नया और दमदार लुक महाकुंभ यात्रा के दौरान फैंस को दंग कर दिया
- Singga’s Bold New Avatar for ‘Fakkar’ Leaves Fans in Awe During Mahakumbh Pilgrimage
- पुष्पा के को-डायरेक्टर पवन हुए कशिका कपूर की परफॉर्मेंस से प्रभावित, कहा – "वो कैमरे के सामने कमाल करती हैं, LYF के बाद बहुत बिजी हो जाएंगी"
- Pushpa Co-Director Pavan Impressed by Kashika Kapoor’s Performance in His Next Directorial ‘LYF’, Says She is an Amazing Performer and Does Wonders in Front of the Camera and she will get very busy after LYF release
कार्तिक कृष्ण अमावस्या मंगलवार दिनांक 25 अक्टुबर 2022 को चित्रा/ स्वाती नक्षत्र में सायं 4:40 से सायं 5:24 तक सूर्य ग्रहण
डॉ श्रद्धा सोनी
वैदिक ज्योतिष आचार्य, रतन विशेषज्ञ, वास्तु एक्सपर्ट
दिवाली के अगले दिन जब हम सब प्रातः उठेंगे तो प्रातः 4:40 से ही सूर्य ग्रहण का सूतक शुरू हो गया रहेगा। इस बार 25 अक्टूबर को शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक स्पष्ट सूर्यग्रहण दिखेगा। ग्रहण के 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी 25 अक्टूबर की सुबह 4:40 बजे से ही सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा। इसके सूतक काल में सभी धार्मिक कार्य,नए काम व मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। इस समय भोजनालय भोजन सामग्री एवं सभी प्रमुख स्थानों पर कुशा दाल कर इसी समय से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे।
इसलिए दिवाली का अगला दिन खाली माना जाएगा, सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा भी दिवाली के एक दिन बाद किया जाएगा।
यह सूर्य ग्रहण विश्व के साथ साथ अपने देश के भी कई भागों में दिखाई देगा, इसलिए इस ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व है। आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर को शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। जबकि सूर्यास्त का समय 5:27 बजे है। इसलिए ग्रहण की अवधि 47 मिनट तक रहेगी। आंशिक सूर्य ग्रहण का परिमाण 36 प्रतिशत होगा। इस समय सारे कार्य रोक कर सिर्फ हरि स्मरण, विविध स्तोत्रों का पाठ, सिद्ध मंत्र या गुरु मंत्र का जप, भजन कीर्तन एवं रामायण का पाठ सबके लिए आवश्यक एवं लाभकारी होगा।
जब चंद्रमा, पृथ्वी व सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है, उस समय पृथ्वी से देखने पर हमें सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। ऐसा अकसर अमावस्या के दिन होता है। लेकिन जब चंद्रमा की स्थिति सूर्य और पृथ्वी को मिलाने वाली सरल रेखा के समीप होती है तब आंशिक ग्रहण काल होता है। ग्रहण काल से पहले तैयार भोजन में कुश और तुलसी पत्र डाल देना चाहिए।
और
सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण से पहले पेट पर कुछ ताजा गोबर का आंशिक लेप लगा देना सबसे अच्छा होता है या फिर किसी पतले कपड़े में कुश की ग्रंथि, तुलसी पत्र और गोबर को बांध कर पेट पर बांध लेना चाहिए! और अपने बराबर कांडा लेकर उसमे धागा बांध का किसी कोने में खड़ा कर देना चाहिए। साथ ही अपने बराबर काला, लाल और सफेद धागा ले कर उसके दोनों शिरा पे कांटी बांध कर एक शिरे को दिवाल में ठोक लटका दें कहीं फंसा के दिवाल कर के सहारे लटका दें।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के अवधि में चाकू, कैंची, सूई, कील या कोई भी धारदार या नुकीली वस्तुओं का स्पर्श नही करना चाहिए। किसी प्रकार की कढ़ाई और सिलाई के काम नहीं करने चाहिए। ऐसा करना भी बच्चे और मां दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। हो सके तो ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को रामायण या फिर अन्य किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना चाहिए।
भगवान भास्कर अपनी सभी शुभ दृष्टियों के साथ सबका जीवन सुखद, शुभद् एवं अरोग्यमय करें।